Movie/Album: जिस्म (2003)
Music By: एम.एम.क्रीम
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: के.के., एम.एम. क्रीम
के.के.
आवारापन बंजारापन, एक खला है सीने में
हर दम हर पल बेचैनी है, कौन बला है सीने में
इस धरती पर जिस पल सूरज
रोज़ सवेरे उगता है
अपने लिए तो ठीक उसी पल
रोज़ ढला है सीने में
आवारापन...
जाने ये कैसी आग लगी है
इसमें धुआँ न चिंगारी
हो ना हो इस बार कहीं कोई
ख्वाब जला है सीने में
आवारापन...
जिस रस्ते पर तपता सूरज
सारी रात नहीं ढलता
इश्क की ऐसे राह-गुज़र को
हमने चुना है सीने में
आवारापन...
कहाँ किसी के लिए है मुमकिन
सब के लिए एक-सा होना
थोड़ा-सा दिल मेरा बुरा है
थोड़ा भला है सीने में
आवारापन...
एम.एम.क्रीम
ये दुनिया ही जन्नत थी
ये दुनिया ही जन्नत है
सब कुछ खोकर आज ये हम पर
भेद खुला है सीने में
Music By: एम.एम.क्रीम
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: के.के., एम.एम. क्रीम
के.के.
आवारापन बंजारापन, एक खला है सीने में
हर दम हर पल बेचैनी है, कौन बला है सीने में
इस धरती पर जिस पल सूरज
रोज़ सवेरे उगता है
अपने लिए तो ठीक उसी पल
रोज़ ढला है सीने में
आवारापन...
जाने ये कैसी आग लगी है
इसमें धुआँ न चिंगारी
हो ना हो इस बार कहीं कोई
ख्वाब जला है सीने में
आवारापन...
जिस रस्ते पर तपता सूरज
सारी रात नहीं ढलता
इश्क की ऐसे राह-गुज़र को
हमने चुना है सीने में
आवारापन...
कहाँ किसी के लिए है मुमकिन
सब के लिए एक-सा होना
थोड़ा-सा दिल मेरा बुरा है
थोड़ा भला है सीने में
आवारापन...
एम.एम.क्रीम
ये दुनिया ही जन्नत थी
ये दुनिया ही जन्नत है
सब कुछ खोकर आज ये हम पर
भेद खुला है सीने में
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...